7th Pay Commission Update – सरकारी नौकरी करने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। 7वें वेतन आयोग के तहत केंद्र सरकार ने अब कर्मचारियों को हर महीने अतिरिक्त छुट्टियों की सुविधा देने का ऐलान किया है। यह नया नियम न सिर्फ कर्मचारियों के वर्क-लाइफ बैलेंस को बेहतर बनाएगा, बल्कि उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर भी सकारात्मक असर डालेगा। इस नई गाइडलाइन का मकसद कर्मचारियों को लंबे समय तक प्रेरित और प्रोडक्टिव बनाए रखना है। आइए विस्तार से समझते हैं कि आखिर क्या हैं ये नए बदलाव, किसे मिलेगा फायदा और ये कब से लागू होंगे।
क्या है नई गाइडलाइन और इसका मकसद?
सरकार की इस नई पहल के तहत हर महीने कर्मचारियों को कुछ विशेष छुट्टियां दी जाएंगी, जो उनकी सेहत, परिवार और व्यक्तिगत समय को बेहतर बनाने में मदद करेंगी। अब तक जो छुट्टियां केवल मेडिकल या विशेष परिस्थिति में मिलती थीं, उन्हें अब नियमित रूप से देने पर विचार किया गया है।
- हर महीने एक “Mental Wellness Day” की छुट्टी
- हर तीन महीने में एक “Family Time Leave”
- महिला कर्मचारियों को “Period Leave” की सुविधा
- वृद्ध या बीमार माता-पिता की देखभाल हेतु “Care Leave”
इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी कामकाज में सकारात्मक माहौल बनाना और कर्मचारियों को व्यक्तिगत जीवन में संतुलन देना है।
किन कर्मचारियों को मिलेगा इस नियम का लाभ?
यह गाइडलाइन फिलहाल केंद्र सरकार के अधीन आने वाले कर्मचारियों पर लागू की जा रही है, लेकिन राज्यों से भी आग्रह किया गया है कि वे इसे अपने-अपने स्तर पर अपनाएं।
लाभान्वित होने वाले विभाग:
- शिक्षा विभाग के शिक्षक और स्टाफ
- स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े कर्मचारी
- रक्षा मंत्रालय और अन्य प्रशासनिक विभाग
- रेलवे और डाक विभाग
- PSU और अन्य सरकारी उपक्रमों के अधिकारी
Extra छुट्टियों का पूरा चार्ट
छुट्टी का प्रकार | कितनी बार मिलेगी | किनके लिए लागू | विशेष शर्तें |
---|---|---|---|
मानसिक स्वास्थ्य छुट्टी | प्रति माह 1 दिन | सभी कर्मचारी | पूर्व सूचना जरूरी |
फैमिली टाइम लीव | हर 3 माह 1 दिन | विवाहित/परिवार वाले | सप्ताहांत से नहीं जोड़ सकते |
पीरियड लीव (महिलाओं के लिए) | हर माह 1 दिन | महिला कर्मचारी | मेडिकल प्रमाण नहीं चाहिए |
देखभाल छुट्टी | आवश्यकता अनुसार | सभी कर्मचारी | सीनियर सिटीजन परिजनों के लिए |
कोविड रिकवरी छुट्टी | एक बार 5 दिन | संक्रमित कर्मचारी | RT-PCR रिपोर्ट जरूरी |
रिफ्रेशमेंट लीव | साल में 3 बार | सभी कर्मचारी | अवकाश कैलेण्डर में दर्ज |
इससे कर्मचारियों की ज़िंदगी में क्या बदलेगा?
1. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार:
कई सरकारी कर्मचारी दिन-रात की ड्यूटी से थक जाते हैं। मानसिक अवसाद, तनाव और थकावट आम हो गई है। Mental Wellness Day जैसी छुट्टियां इन्हें थोड़ा आराम और खुद के लिए समय देने का मौका देंगी।
2. परिवार के साथ समय:
Family Time Leave की सुविधा से लोग अपने बच्चों, जीवनसाथी या माता-पिता के साथ समय बिता पाएंगे। इससे घरेलू रिश्तों में मजबूती आएगी।
3. महिलाओं को राहत:
Period Leave महिलाओं के लिए एक बड़ा कदम है। अब उन्हें पीड़ा के समय मजबूरी में काम करने की ज़रूरत नहीं होगी।
4. वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल:
Care Leave से वे कर्मचारी जो बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करते हैं, उन्हें राहत मिलेगी।
एक सरकारी कर्मचारी की कहानी
राजेश शर्मा, जो कि दिल्ली में एक सरकारी शिक्षक हैं, बताते हैं –
“पिछले दो सालों में मैंने महसूस किया कि मैं बच्चों को पढ़ाते हुए थक गया हूं, घर पहुंचते-पहुंचते मैं सिर्फ सोने के लिए पहुंचता था। नई छुट्टियों की सुविधा से मुझे हर महीने थोड़ा ब्रेक मिल रहा है, जिससे मैं अब खुद को दोबारा एनर्जेटिक महसूस कर रहा हूं।”
इस बदलाव से विभागों को क्या फायदा?
सरकार का कहना है कि अगर कर्मचारी खुश रहेंगे, तो वे ज्यादा मन से काम करेंगे। इससे सरकारी विभागों की कार्यक्षमता बढ़ेगी, लेट-लतीफी कम होगी और जनता को बेहतर सेवा मिलेगी।

- कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी में इज़ाफा
- डिप्रेशन, एंग्जायटी जैसी बीमारियों में कमी
- नौकरी छोड़ने वालों की संख्या में कमी
- महिलाओं की वर्कप्लेस अटेंडेंस बेहतर होगी
लागू होने की तारीख और आगे की योजना
यह गाइडलाइन 1 अगस्त 2025 से लागू की जा रही है। केंद्र सरकार इसे एक पायलट प्रोजेक्ट की तरह शुरू करेगी, और 6 महीने में रिपोर्ट के आधार पर इसे और अधिक संशोधित किया जाएगा।
आने वाले समय में निम्नलिखित पर विचार किया जा रहा है:
- Work from home विकल्प को नियमित बनाना
- साप्ताहिक कार्यदिवस को 5 दिन करना
- ड्यूटी के समय में लचीलापन लाना
7वें वेतन आयोग की यह नई पहल न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए एक राहत लेकर आई है, बल्कि यह एक उदाहरण है कि सरकार अब मानवीय पक्ष को भी प्राथमिकता दे रही है। काम और निजी जीवन के बीच संतुलन ही किसी भी नौकरी को लंबे समय तक टिकाऊ बनाता है। ऐसे में यह बदलाव सिर्फ छुट्टियों का नहीं, बल्कि सोच का है – एक सकारात्मक, इंसानी सोच।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: क्या यह छुट्टियां सभी सरकारी कर्मचारियों को मिलेंगी?
उत्तर: फिलहाल यह गाइडलाइन केंद्र सरकार के अधीन आने वाले कर्मचारियों पर लागू होगी, लेकिन राज्यों को भी इसे अपनाने की सलाह दी गई है।
प्रश्न 2: क्या Period Leave के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा?
उत्तर: नहीं, महिलाओं को Period Leave के लिए कोई मेडिकल प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं होगी।
प्रश्न 3: क्या इन छुट्टियों का वेतन कटेगा?
उत्तर: नहीं, ये छुट्टियां पूरी तरह से सवेतन (Paid Leave) होंगी।
प्रश्न 4: क्या निजी कंपनियों पर भी यह नियम लागू होगा?
उत्तर: नहीं, यह नियम फिलहाल केवल सरकारी विभागों के लिए है, लेकिन निजी कंपनियां इसे अपने स्तर पर अपना सकती हैं।
प्रश्न 5: यह नियम कब से लागू हो रहा है?
उत्तर: यह गाइडलाइन 1 अगस्त 2025 से पूरे भारत में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू की जा रही है।