Jan Dhan Account – प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए करोड़ों बैंक खाते आज देश की गरीब और मध्यमवर्गीय जनता के लिए एक आर्थिक सहारा बन चुके हैं। ऐसे में हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ समाचार रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सरकार करीब 11 करोड़ जन धन खाते बंद करने जा रही है। इससे लोगों में चिंता फैल गई – क्या वाकई उनका बैंक खाता बंद होने वाला है? क्या उनके खाते में जमा पैसे सुरक्षित हैं? क्या उन्हें कोई फॉर्म भरना होगा या बैंक जाना पड़ेगा? इस खबर ने लाखों लाभार्थियों को परेशान कर दिया। आइए जानते हैं इस पूरे मामले की सच्चाई, सरकारी सफाई, और क्या आपको सच में कोई कदम उठाने की ज़रूरत है या नहीं।
प्रधानमंत्री जन धन योजना क्या है?
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) की शुरुआत 2014 में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। इस योजना के तहत किसी भी भारतीय नागरिक को बिना कोई न्यूनतम बैलेंस के बैंक खाता खोलने की सुविधा दी गई, साथ ही ₹1 लाख तक का दुर्घटना बीमा, ₹10,000 तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा और सरकारी योजनाओं के लाभ सीधे खाते में मिलना शुरू हुआ।
जन धन योजना के कुछ प्रमुख फायदे:
- बिना न्यूनतम बैलेंस के खाता
- सीधे खाते में सरकारी सब्सिडी का लाभ (DBT)
- ₹1 लाख दुर्घटना बीमा कवर
- ₹10,000 तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा
- मोबाइल बैंकिंग और रुपे डेबिट कार्ड
11 करोड़ खातों के बंद होने की खबर कैसे फैली?
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह दावा वायरल हो गया कि सरकार 11 करोड़ जन धन खाते बंद करने जा रही है क्योंकि ये “निष्क्रिय” हो चुके हैं। इसके पीछे एक आंतरिक सरकारी रिपोर्ट को हवाला दिया जा रहा था जिसमें बताया गया कि लाखों खाते कई महीनों से उपयोग नहीं किए गए हैं और उनमें कोई लेनदेन नहीं हुआ है।

खबर का मुख्य आधार:
- कुछ खातों में पिछले 12 महीनों से कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ
- इन खातों को “Dormant” कैटेगरी में रखा गया
- अफवाह फैली कि ऐसे सभी खाते बंद कर दिए जाएंगे
सरकार की सफाई – खाता बंद नहीं होंगे
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सरकार किसी भी जन धन खाते को जबरन बंद नहीं करने जा रही है। यदि कोई खाता निष्क्रिय है, तो भी उसे केवल ग्राहक की अनुमति या जानकारी के बाद ही बंद किया जा सकता है। इसके अलावा, कोई भी लाभार्थी जो खाते का उपयोग करना चाहता है, वह इसे पुनः सक्रिय करा सकता है।
सरकार द्वारा जारी बयान के मुख्य बिंदु:
- “Dormant” खाता मतलब सिर्फ अस्थायी निष्क्रियता
- सरकार जन धन खातों को बंद नहीं कर रही
- खाताधारक बैंक जाकर एक बार ट्रांजैक्शन कर लें तो खाता फिर से सक्रिय हो जाएगा
- खातों को बनाए रखने के लिए कोई फॉर्म या शुल्क नहीं देना है
अगर आपका खाता निष्क्रिय है तो क्या करें?
यदि आपका जन धन खाता पिछले कई महीनों से उपयोग में नहीं है, तो घबराएं नहीं। आप नीचे दिए गए आसान स्टेप्स फॉलो करके अपने खाते को पुनः सक्रिय कर सकते हैं:
खाता दोबारा चालू करने के आसान उपाय:
- पास के बैंक ब्रांच में जाकर मिनिमम ₹1 का ट्रांजैक्शन करें
- रुपे डेबिट कार्ड से कोई भी छोटा ट्रांजैक्शन करें
- मोबाइल बैंकिंग के ज़रिए कोई लेन-देन करें
- बैंक स्टेटमेंट या बैलेंस इन्क्वायरी भी खाता सक्रिय करने के लिए काफी है
असली परेशानी किसे हो सकती है?
हालांकि सरकार खाते बंद नहीं कर रही, लेकिन अगर आपने लंबे समय तक खाता नहीं चलाया तो निम्नलिखित दिक्कतें आ सकती हैं:
- सरकारी योजनाओं का पैसा समय पर नहीं मिलेगा
- रुपे कार्ड ब्लॉक हो सकता है
- दुर्घटना बीमा और ओवरड्राफ्ट की सुविधा बंद हो सकती है
उदाहरण:
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रामलाल यादव ने बताया कि उन्होंने 2022 में जन धन खाता खुलवाया था, लेकिन दो साल से उपयोग नहीं किया। जब उन्होंने किसान सम्मान निधि की किस्त नहीं आने की शिकायत की, तो बैंक ने बताया कि खाता निष्क्रिय है। उन्होंने ₹10 का ट्रांजैक्शन किया और खाता फिर से चालू हो गया, अगली किस्त उन्हें समय पर मिल गई।
जन धन योजना के वर्तमान आँकड़े
श्रेणी | आँकड़ा (2025 तक) |
---|---|
कुल जन धन खाते | 51.50 करोड़ से अधिक |
महिलाओं के नाम पर खाते | 55% से अधिक |
कुल जमा राशि | ₹2 लाख करोड़ से अधिक |
औसत खाता बैलेंस | ₹3,800 से अधिक |
निष्क्रिय खाते (अनुमानित) | लगभग 20% |
डिजिटल ट्रांजैक्शन उपयोग | लगातार बढ़ रहा |
जीरो बैलेंस खाते | लगभग 8% खातों में |
आपको घबराने की ज़रूरत नहीं
यह साफ है कि जन धन खाताधारकों को फिलहाल किसी डर की ज़रूरत नहीं है। अगर आपका खाता लंबे समय से उपयोग नहीं हो रहा है, तो बस एक छोटा-सा लेन-देन करके उसे फिर से चालू किया जा सकता है। न तो सरकार खाते बंद कर रही है, न ही किसी प्रकार का दंड लगाया जाएगा।
उपयोगकर्ताओं के लिए सलाह:
- जन धन खाता समय-समय पर उपयोग करते रहें
- DBT लाभ जैसे LPG सब्सिडी, किसान सम्मान निधि, आदि खाते में समय पर पाने के लिए ट्रांजैक्शन करें
- किसी अफवाह पर भरोसा न करें – केवल सरकारी पोर्टल या बैंक से पुष्टि करें
जन धन योजना देश के आर्थिक ताने-बाने में एक क्रांतिकारी कदम साबित हुई है। करोड़ों लोग जिनके पास कभी बैंक खाता नहीं था, आज डिजिटल लेन-देन से जुड़े हैं। इसलिए अगर किसी का खाता निष्क्रिय है, तो सरकार की मंशा उसे बंद करने की नहीं बल्कि फिर से सक्रिय करने की है। आपकी जागरूकता ही आपको सही फैसले लेने में मदद करेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या मेरा जन धन खाता बंद हो जाएगा अगर मैं उसे उपयोग नहीं करूं?
नहीं, सरकार बिना आपकी अनुमति के खाता बंद नहीं करेगी। सिर्फ ट्रांजैक्शन करके आप उसे दोबारा चालू कर सकते हैं।
2. जन धन खाता चालू करने के लिए क्या कोई शुल्क देना होगा?
नहीं, खाता फिर से सक्रिय करने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता।
3. क्या मैं जन धन खाते से सब्सिडी प्राप्त करता रहूंगा?
हाँ, बशर्ते आपका खाता सक्रिय हो और आपके आधार से लिंक हो।
4. निष्क्रिय खाता कितने समय बाद होता है?
अगर खाते में 12 महीने तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है तो उसे निष्क्रिय माना जाता है।
5. जन धन खाता कैसे एक्टिव करें?
बैंक जाकर कोई भी छोटा ट्रांजैक्शन करें या एटीएम से बैलेंस चेक करके भी खाता एक्टिव किया जा सकता है।