चेक पर साइन करने से पहले जानिए ये जरूरी नियम! छोटी गलती बन सकती है 2025 में बड़ा झटका | Bank Cheque Rule

Bank Cheque Rule – आज के डिजिटल युग में भले ही हम UPI, इंटरनेट बैंकिंग और कार्ड्स के ज़माने में जी रहे हों, लेकिन बैंक चेक अब भी बहुत सारे लोगों के लिए एक अहम जरिया है पैसों के लेन-देन का। खासकर बिज़नेस डीलिंग्स, बड़ी पेमेंट्स, या सरकारी कामों में चेक का इस्तेमाल आम बात है। लेकिन अगर आपने चेक पर साइन करते वक्त छोटी सी भी गलती कर दी, तो वह चेक बाउंस हो सकता है और आपको भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। ऐसे में ज़रूरी है कि हम कुछ जरूरी नियमों और बातों को अच्छे से समझें, ताकि 2025 में कोई बड़ा झटका न लगे।

चेक से जुड़े नए और जरूरी नियम – 2025 में क्या बदला?

2025 तक बैंकिंग सिस्टम में कई नए नियम आए हैं, जो सीधे आम लोगों को प्रभावित करते हैं। खासतौर पर चेक से जुड़े नियमों में थोड़े बदलाव हुए हैं, जिन्हें जानना बेहद जरूरी है।

  • Post-Dated Cheques की वैलिडिटी अब भी 3 महीने है, लेकिन डेट और साइन में किसी भी गलती पर चेक तुरंत रिजेक्ट हो सकता है।
  • CTS (Cheque Truncation System) अब लगभग सभी बैंकों में अनिवार्य हो चुका है, जिससे क्लियरेंस की स्पीड बढ़ी है, पर साथ में सख्ती भी।
  • Overwriting या Correction की सूरत में बैंक अब बिना कंफर्मेशन के चेक रिजेक्ट कर सकते हैं।
  • Signature Mismatch अब पहले से कहीं ज्यादा संवेदनशील मामला बन गया है। बैंक सिग्नेचर स्कैन सिस्टम का उपयोग करते हैं, जिसमें थोड़ी भी असमानता से चेक रिजेक्ट हो सकता है।

चेक पर साइन करने से पहले ध्यान रखने वाली जरूरी बातें

अगर आप चाहते हैं कि आपका चेक बिना किसी परेशानी के क्लीयर हो जाए, तो नीचे दी गई बातों का खास ख्याल रखें:

  • चेक पर वही सिग्नेचर करें जो आपने बैंक में रजिस्टर करवाया है।
  • पेन से साफ-सुथरे अक्षरों में लिखें – पेंसिल या हल्के रंग के पेन का इस्तेमाल न करें।
  • चेक पर ओवरराइटिंग बिल्कुल भी न करें।
  • दिनांक सही और स्पष्ट तरीके से लिखें, जैसे 12/07/2025।
  • अमाउंट शब्दों और अंकों में दोनों जगह सही और स्पष्ट होना चाहिए।
  • अकाउंट नंबर, IFSC कोड जैसे जरूरी डिटेल्स दोबारा जांच लें।
  • चेक पर किसी भी खाली जगह को भर दें या उसे काट दें ताकि कोई छेड़छाड़ न कर सके।

आम लोगों की गलतियां और उनके नतीजे – कुछ असली उदाहरण

 सिग्नेचर में छोटी सी गलती

मेरे एक दोस्त का अनुभव है – उन्होंने एक बिज़नेस पेमेंट के लिए चेक दिया, लेकिन उनके सिग्नेचर में हल्का सा अंतर था। बैंक ने वह चेक रिजेक्ट कर दिया और क्लाइंट को समय पर पेमेंट न मिलने से डील टूट गई।

ओवरराइटिंग की वजह से हुआ नुकसान

शिवानी जी ने अपने बेटे की स्कूल फीस का चेक दिया था, जिसमें तारीख गलती से गलत लिख दी और उसे सुधारने के लिए ओवरराइटिंग कर दी। बैंक ने बिना चेक क्लीयर किए चेक वापस लौटा दिया। समय रहते फीस न भर पाने की वजह से लेट फीस लग गई।

खाली जगह छोड़ी, किसी ने उसमें छेड़छाड़ की

एक दुकानदार ने 10,000 रुपये का चेक दिया, लेकिन “रुपयों में” वाले कॉलम के बाद खाली जगह छोड़ दी। किसी ने उसमें “पचास हज़ार” जोड़ दिया और बैंक को चूना लग गया। मामला बाद में कोर्ट तक गया।

सही तरीके से चेक कैसे भरें – एक आसान टेबल

स्टेप काम ध्यान रखने वाली बातें
1 डेट लिखना DD/MM/YYYY फॉर्मेट में, स्पष्ट और सही तरीके से
2 रिसीवर का नाम पूरा नाम लिखें, शॉर्ट फॉर्म या उपनाम से बचें
3 अमाउंट शब्दों में जैसे “दस हज़ार रुपये मात्र”, कोई कटिंग नहीं
4 अमाउंट अंकों में जैसे 10,000.00 – डेसिमल ज़रूरी
5 अकाउंट पेयी “A/C Payee Only” जरूर लिखें क्रॉस चेक पर
6 सिग्नेचर वही सिग्नेचर करें जो बैंक रिकॉर्ड में है
7 खाली जगह सभी खाली जगहें भरें या ‘—’ से काट दें

क्यों जरूरी है चेक को सावधानी से भरना – एक नजर फायदे पर

  • आपकी पेमेंट समय पर और बिना दिक्कत के हो जाती है।
  • रिसीवर को भरोसा मिलता है कि ट्रांजेक्शन सुरक्षित है।
  • बैंकिंग सिस्टम में आपकी साख मजबूत होती है।
  • भविष्य में कोई विवाद नहीं होता।
  • बिज़नेस डील्स में भरोसेमंद छवि बनती है।

CTS सिस्टम का क्या मतलब है और कैसे काम करता है?

CTS यानी Cheque Truncation System, एक डिजिटल प्रोसेस है जिसमें चेक की फिजिकल कॉपी को बैंक में जमा करने की बजाय उसकी इमेज स्कैन करके ही प्रोसेस किया जाता है।

इसके फायदे:

  • जल्दी क्लीयरेंस – पहले जहां 2-3 दिन लगते थे, अब 1 दिन में काम हो जाता है।
  • कम धोखाधड़ी की संभावना।
  • ट्रैकिंग आसान हो जाती है।
  • बैंक में क्लर्क की गलती की संभावना कम होती है।

2025 में कौन से नियम सबसे ज्यादा असर डाल सकते हैं?

नियम असर
Signature Mismatch पर कड़ाई सिग्नेचर मैच न करने पर तुरंत रिजेक्शन
CTS का व्यापक इस्तेमाल पुराना चेक फार्मेट मान्य नहीं रहेगा
गलत डेट या अमाउंट बैंक बिना पूछे चेक रिजेक्ट कर सकता है
Security Features जरूरी नई चेकबुक में माइक्रो-टेक्स्ट, वाटरमार्क जरूरी

खुद का अनुभव – जब मैंने चेक से की बड़ी पेमेंट

कुछ महीने पहले मैंने एक सेकंड हैंड कार खरीदी थी। डीलर ने चेक से पेमेंट मांगी। मैंने सारी जानकारी ध्यान से भरी, लेकिन डेट डालते समय “23” की जगह “22” लिख दिया। बाद में मुझे नया चेक देना पड़ा और पूरे प्रोसेस में 2 दिन की देरी हो गई। तब समझ में आया कि छोटी गलती कितनी बड़ी परेशानी बन सकती है।

सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय

आज जब हर चीज़ डिजिटल हो रही है, तब भी चेक की उपयोगिता बनी हुई है। लेकिन अगर हम सावधानी नहीं बरतेंगे, तो 2025 जैसे साल में, जब नियम और ज्यादा सख्त हो गए हैं, कोई छोटी सी भूल हमें बड़ा नुकसान पहुँचा सकती है। इसलिए अगली बार जब भी आप किसी को चेक दें, तो ऊपर बताई गई बातों का जरूर पालन करें।

चेक से जुड़े आम सवाल – सरल हिंदी में जवाब

1. अगर चेक पर तारीख गलत हो जाए तो क्या करें?
अगर चेक पर तारीख गलत हो जाए, तो नया चेक जारी करें। ओवरराइटिंग से बचें क्योंकि बैंक ऐसे चेक को रिजेक्ट कर सकता है।

2. क्या पेंसिल से भरे गए चेक वैध होते हैं?
नहीं, केवल पेन से भरे गए चेक ही मान्य होते हैं। पेंसिल से लिखा गया चेक अस्वीकार हो सकता है।

3. क्या पुराने चेकबुक अब काम नहीं आते?
अगर आपका चेकबुक CTS सिस्टम के अनुकूल नहीं है, तो बैंक आपको नया चेकबुक लेने को कहेगा। पुराने चेक रिजेक्ट हो सकते हैं।

4. चेक बाउंस होने पर क्या सजा हो सकती है?
अगर आपका चेक बाउंस होता है और मामला कोर्ट जाता है, तो जुर्माना या जेल तक की सजा हो सकती है – खासतौर पर बड़ी रकम के मामलों में।

5. क्या एक बार सिग्नेचर बदलने के बाद पुराना चेक काम आएगा?
नहीं, अगर आपने बैंक में नया सिग्नेचर अपडेट किया है, तो पुराने सिग्नेचर वाले चेक मान्य नहीं होंगे। उन्हें दोबारा जारी करें।

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