Savings Account News – बचत खाता (Savings Account) रखने वाले करोड़ों ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। पहले अगर आपके खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं होता था तो बैंक आपसे जुर्माना वसूलते थे। लेकिन अब इस नियम में बड़ा बदलाव किया गया है। सरकार और बैंकिंग संस्थानों ने मिलकर एक ऐसा कदम उठाया है जिससे आम आदमी को सीधा फायदा होगा। 25 जुलाई से देशभर में Zero Balance रखने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। ये बदलाव न सिर्फ आपकी जेब पर असर डालेगा, बल्कि आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग को भी मजबूत बनाएगा। आइए जानते हैं इस फैसले का पूरा मतलब, इसके फायदे और इससे जुड़ी हर जरूरी जानकारी।
क्यों लिया गया है यह फैसला?
बैंकिंग व्यवस्था को ज्यादा सरल और जन-सुलभ बनाने के लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय-समय पर नए नियम लेकर आती है। इसी कड़ी में यह निर्णय लिया गया है कि अब ग्राहकों को न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने का दबाव नहीं रहेगा।
- पहले ज़्यादातर सरकारी और निजी बैंकों में न्यूनतम ₹1,000 से ₹10,000 तक का बैलेंस बनाए रखना जरूरी था।
- अगर यह बैलेंस नीचे चला जाता था तो हर महीने ₹50 से ₹600 तक का चार्ज लग सकता था।
- इससे आम आदमी, खासकर ग्रामीण और निम्न मध्यम वर्गीय लोग परेशान होते थे।
Zero Balance Policy के नए नियम क्या हैं?
25 जुलाई 2025 से लागू होने जा रहे इस नए नियम के तहत:
- किसी भी बैंक के बचत खाते (Savings Account) में न्यूनतम राशि बनाए रखने की बाध्यता नहीं होगी।
- ग्राहक चाहे तो ₹0 बैलेंस पर भी खाता चालू रख सकते हैं।
- कोई पेनल्टी, मेंटेनेंस चार्ज या फाइन नहीं लिया जाएगा।
- यह नियम सभी बैंक खातों पर लागू होगा, चाहे वो सरकारी बैंक हों या निजी।
इससे किसे मिलेगा सबसे ज़्यादा फायदा?
इस नए नियम का फायदा सबसे ज़्यादा उन लोगों को मिलेगा जो सीमित आमदनी में घर चलाते हैं या जिनका मासिक वेतन बहुत कम होता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों के मजदूर, किसान और छोटे व्यापारी
- छात्र, जो अपनी पढ़ाई के दौरान बचत खाता रखते हैं
- गृहणियां, जो थोड़ी-थोड़ी बचत से फाइनेंशियली स्वतंत्र बनना चाहती हैं
उदाहरण:
मोनिका, जो एक गृहिणी हैं, हर महीने अपने खर्चों से ₹500-₹1000 की बचत करती हैं। पहले उन्हें ₹2000 न्यूनतम बैलेंस रखना पड़ता था, नहीं रखने पर चार्ज कट जाता था। अब वह ₹0 बैलेंस पर भी अपना खाता चालू रख सकती हैं और उनकी बचत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
किन बैंकों ने इस नियम को स्वीकार किया है?
नीचे कुछ प्रमुख बैंकों की सूची दी गई है जिन्होंने 25 जुलाई से Zero Balance Policy लागू करने का ऐलान किया है:
बैंक का नाम | न्यूनतम बैलेंस (पहले) | अब का नियम | चार्ज पहले (यदि बैलेंस कम) |
---|---|---|---|
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | ₹3000 | ₹0 | ₹100 – ₹600 |
पंजाब नेशनल बैंक | ₹2000 | ₹0 | ₹50 – ₹500 |
एचडीएफसी बैंक | ₹10,000 | ₹0 | ₹150 – ₹600 |
एक्सिस बैंक | ₹12,000 | ₹0 | ₹100 – ₹600 |
आईसीआईसीआई बैंक | ₹10,000 | ₹0 | ₹100 – ₹500 |
यूनियन बैंक | ₹1500 | ₹0 | ₹50 – ₹400 |
बैंक ऑफ बड़ौदा | ₹2000 | ₹0 | ₹100 – ₹300 |
क्या इस बदलाव का बैंकिंग सिस्टम पर असर पड़ेगा?
ज़रूर, यह फैसला बैंकिंग सिस्टम के लिए भी एक चुनौती है, लेकिन इसका दीर्घकालिक फायदा ज्यादा है।
- बैंकिंग सेवाओं को ज्यादा लोगों तक पहुंचाना संभव होगा।
- वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को बढ़ावा मिलेगा।
- बैंक ज्यादा खाताधारकों को डिजिटली जोड़ सकेंगे।
मेरे अनुभव से:
जब मैं कॉलेज में था, तब ₹10,000 का मिनिमम बैलेंस रखना बड़ा सिरदर्द था। किसी महीने किताबें खरीदीं तो खाता खाली, और अगले महीने जुर्माना। अब नए नियमों से छात्रों को राहत मिलेगी।
क्या Zero Balance खाते पर ब्याज मिलेगा?
हां, जीरो बैलेंस होने के बावजूद भी ग्राहकों को बचत खाते पर निर्धारित ब्याज मिलेगा।
- ज़्यादातर बैंक अभी भी 2.5% से 4% तक वार्षिक ब्याज देते हैं।
- ब्याज की गणना दैनिक आधार पर होती है।
- अगर आप खाते में कोई राशि रखते हैं, तो उस पर ब्याज मिलेगा, भले ही खाता Zero Balance पर भी चलता रहे।
क्या अन्य सुविधाएं मिलेंगी?
बिलकुल! जीरो बैलेंस खाते में भी आपको ये सभी सुविधाएं मिलेंगी:

- एटीएम कार्ड (Visa/Rupay)
- नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग
- पासबुक
- SMS अलर्ट
- UPI और QR कोड पेमेंट की सुविधा
क्या कोई अपवाद भी है?
कुछ खास खातों (जैसे कि प्रीमियम सेवाओं वाले) में अभी भी न्यूनतम बैलेंस की शर्त रह सकती है। इसलिए ये बातें जरूर जांच लें:
- आपके खाते का टाइप क्या है?
- बैंक की वेबसाइट या ब्रांच से इसकी पुष्टि करें
- कुछ बैंक अलग से ‘Zero Balance Savings Account’ नाम से सेवा देते हैं, उसे एक्टिवेट कराएं
यह कदम क्यों है एक गेम चेंजर?
भारत में अभी भी करोड़ों लोग ऐसे हैं जिनके पास बैंक खाता नहीं है। यह नियम उन्हें बैंकिंग से जोड़ने में मदद करेगा। जब बैंकिंग आसान होगी, तो लोग ज्यादा से ज्यादा सेवाओं से जुड़ेंगे जैसे:
- म्यूचुअल फंड
- फिक्स्ड डिपॉजिट
- इंश्योरेंस और पेंशन स्कीम्स
Zero Balance पर कोई चार्ज न लगना एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला है। इससे न सिर्फ गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि बैंकिंग में भरोसा भी बढ़ेगा। यह एक ऐसा कदम है जो भारत को फाइनेंशियल रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बहुत प्रभावी साबित होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या सभी प्रकार के बचत खातों पर Zero Balance की सुविधा लागू होगी?
नहीं, कुछ विशेष खातों पर अभी भी मिनिमम बैलेंस की शर्त हो सकती है। नियम जानने के लिए बैंक से संपर्क करें।
2. Zero Balance खाता खोलने के लिए कौन से दस्तावेज चाहिए?
आपको आधार कार्ड, पैन कार्ड और एड्रेस प्रूफ की जरूरत होगी।
3. क्या Zero Balance खाते में एटीएम कार्ड मिलता है?
हां, सभी प्रमुख बैंक आपको ATM कार्ड और डिजिटल बैंकिंग की सुविधा देते हैं।
4. क्या इस सुविधा से बैंक को घाटा होगा?
शुरुआती तौर पर बैंक को कुछ घाटा हो सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह बैंकिंग सिस्टम के लिए फायदेमंद है।
5. क्या Zero Balance खाते पर लोन या अन्य सेवाएं मिल सकती हैं?
हां, धीरे-धीरे बैंक इस तरह के खातों को भी अन्य सुविधाएं जैसे कि लोन, बीमा आदि के लिए योग्य बनाएंगे।