UP में 4775 करोड़ रुपये से बनेगा नया एक्सप्रेस-वे! 39 गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण शुरू UP News

UP News – उत्तर प्रदेश में एक बार फिर विकास की रफ्तार तेज होने जा रही है। सरकार ने एक नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण की घोषणा कर दी है, जिसकी कुल लागत करीब 4775 करोड़ रुपये होगी। यह परियोजना केवल सड़कों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़े सैकड़ों गांवों की आर्थिक तस्वीर भी बदलने वाली है। इस नए एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसमें 39 गांव शामिल हैं। अगर आप यूपी के निवासी हैं या इन इलाकों से गुजरते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है – क्योंकि ये सड़क आपके भविष्य से जुड़ी है।

कैसा होगा ये नया एक्सप्रेस-वे?

यह नया एक्सप्रेस-वे पूर्वांचल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाला एक अहम मार्ग बनने जा रहा है। यह न सिर्फ यातायात की सुविधा को बढ़ाएगा, बल्कि रोजगार, निवेश और क्षेत्रीय विकास के लिए भी वरदान साबित होगा।

  • कुल लागत: ₹4775 करोड़
  • लंबाई: लगभग 120 किलोमीटर (संभावित आंकड़ा)
  • जिलों की कनेक्टिविटी: लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, शाहजहांपुर, बरेली
  • निर्माण एजेंसी: उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA)
  • परियोजना अवधि: 30 महीने (अनुमानित)

किन 39 गांवों की जमीन का अधिग्रहण हो रहा है?

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज़ी से चलाई जा रही है। जिन किसानों और जमीन मालिकों की भूमि अधिग्रहण में शामिल है, उन्हें उचित मुआवजा देने की योजना बनाई गई है।

गांव का नाम जिला अधिग्रहण क्षेत्र (हेक्टेयर) अनुमानित मुआवजा (₹ लाख में)
भटपुरवा लखनऊ 17 212
फत्तेपुर उन्नाव 12 150
रहमान खेड़ा हरदोई 20 240
मीरगंज शाहजहांपुर 15 185
नरसिंहपुर बरेली 13 160
टांडा हरदोई 18 215
औरंगाबाद लखनऊ 14 178
मदारपुर उन्नाव 16 195

नोट: उपरोक्त आंकड़े प्राथमिक सर्वेक्षण पर आधारित हैं, अंतिम अनुमोदन जिला प्रशासन द्वारा किया जाएगा।

किसानों की राय क्या है?

जब टीम ने लखनऊ के भटपुरवा गांव का दौरा किया तो वहां के किसान रामदीन यादव ने कहा, “अगर सरकार हमें सही मुआवजा देगी तो हम अपनी ज़मीन देने को तैयार हैं। लेकिन हमें भविष्य में स्थायी रोज़गार का भी भरोसा चाहिए।”

हरदोई की टांडा गांव की रहने वाली सवित्री देवी कहती हैं, “हमें खुशी है कि अब हमारे गांव में भी सड़कें बनेंगी और हमारे बच्चों को बाहर जाकर पढ़ने में आसानी होगी।”

इन अनुभवों से साफ है कि ग्रामीण समुदाय बदलाव को लेकर उत्साहित है, लेकिन पारदर्शिता और वाजिब मुआवजा की मांग भी साफ है।

क्या होंगे इस एक्सप्रेस-वे के फ़ायदे?

सरकार के अनुसार यह परियोजना सिर्फ सड़कों का निर्माण नहीं, बल्कि एक आर्थिक रीढ़ बनाने जा रही है। इसके कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

  • तेज़ आवागमन: व्यापारियों और आम जनता के लिए यात्रा का समय 40% तक कम होगा।
  • नौकरी के अवसर: निर्माण कार्य के दौरान 10,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार मिलेगा।
  • ग्रामीण विकास: गांवों में नई सड़कें, बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाएं पहुंचेंगी।
  • औद्योगिक निवेश: एक्सप्रेस-वे के किनारे लॉजिस्टिक हब और इंडस्ट्रियल ज़ोन विकसित किए जाएंगे।

आम नागरिकों पर इसका असर क्या होगा?

  • छोटे व्यापारियों को फायदा: गांवों से शहरों तक सामान भेजना आसान होगा जिससे व्यापार बढ़ेगा।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा तक पहुंच: एक्सप्रेस-वे से नजदीकी शहरों तक पहुंच आसान होगी।
  • संपत्ति के दाम बढ़ेंगे: आसपास के इलाकों में ज़मीन और मकानों की कीमतों में बढ़ोत्तरी संभव है।

मेरी व्यक्तिगत राय और अनुभव

मैं खुद एक बार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर लखनऊ से आजमगढ़ तक की यात्रा कर चुका हूं। पहले जहां 6-7 घंटे लगते थे, वहीं अब सिर्फ 3 घंटे में सफर पूरा हो गया। रास्ते में कई छोटे दुकानदारों को देखा जिनका कारोबार अब चल निकला है। अगर इस नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण ईमानदारी और योजना के मुताबिक हुआ, तो ये भी यूपी के लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकता है।

किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है?

  • जमीन अधिग्रहण में विवाद: कुछ किसान अभी भी अपनी ज़मीन देने को तैयार नहीं हैं।
  • मुआवजा वितरण में देरी: कई बार देखा गया है कि मुआवजा देने में महीनों लग जाते हैं।
  • विकास कार्यों में भ्रष्टाचार: अगर निगरानी सख्त न हो तो निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की कमी आ सकती है।

4775 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह नया एक्सप्रेस-वे न केवल उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदल सकता है, बल्कि गांवों के जीवन में भी असली बदलाव ला सकता है। ज़रूरत है कि सरकार पारदर्शिता से काम करे, किसानों को भरोसा दे और समय पर काम पूरा किया जाए।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. नया एक्सप्रेस-वे किस जिले से होकर गुज़रेगा?
यह एक्सप्रेस-वे लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, शाहजहांपुर और बरेली जिलों से होकर गुज़रेगा।

2. इस एक्सप्रेस-वे के लिए कितनी ज़मीन अधिग्रहित की जा रही है?
कुल 39 गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।

3. क्या किसानों को पूरा मुआवजा मिलेगा?
सरकार ने उचित और समय पर मुआवज़ा देने का आश्वासन दिया है, हालांकि प्रक्रिया की निगरानी ज़रूरी है।

4. इस परियोजना से कब तक यात्रा शुरू हो सकेगी?
यदि योजना के अनुसार कार्य होता है, तो अगले 2.5 वर्षों में इसका उपयोग शुरू हो सकता है।

5. क्या इससे स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा?
हाँ, निर्माण और ऑपरेशन दोनों चरणों में स्थानीय लोगों के लिए हज़ारों रोज़गार के अवसर बनेंगे।

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