Kawad Holidays 2025 – इस बार सावन के महीने में कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। 2025 में कांवड़ यात्रा की शुरुआत 18 जुलाई से हो रही है और इस खास मौके पर उत्तर भारत के कई राज्यों में स्कूल और कॉलेजों को 15 दिन के लिए बंद करने का फैसला किया गया है। यानी अब छात्र-छात्राएं 1 अगस्त 2025 तक घर पर रहकर धार्मिक माहौल का हिस्सा बन सकेंगे। यह फैसला ना सिर्फ छात्रों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि आम लोगों के लिए भी सुविधाजनक साबित हो सकता है, जो इस धार्मिक यात्रा में हिस्सा लेते हैं या यात्रा से जुड़े क्षेत्रों में रहते हैं।
कांवड़ यात्रा क्या है और इसका महत्व
कांवड़ यात्रा एक पारंपरिक हिन्दू धार्मिक यात्रा है, जो हर साल सावन के महीने में होती है। इस दौरान लाखों शिव भक्त गंगाजल लेने हरिद्वार, गंगोत्री, गौमुख, वाराणसी और अन्य पवित्र स्थलों की ओर पैदल यात्रा करते हैं। फिर ये जल अपने गांव या शहर के शिव मंदिरों में चढ़ाया जाता है।
- यह यात्रा शिव भक्ति का प्रतीक है।
- इसमें शामिल लोग खुद को “कांवड़िया” कहते हैं।
- यह यात्रा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों में बेहद लोकप्रिय है।
2025 में कांवड़ यात्रा की तारीखें
इस साल कांवड़ यात्रा की शुरुआत 18 जुलाई से होगी और यह 1 अगस्त तक चलेगी। सरकार ने इस दौरान छुट्टियों की घोषणा की है ताकि यात्रा को सुचारू रूप से चलाया जा सके।
तारीख | दिन | अवसर |
---|---|---|
18 जुलाई 2025 | शुक्रवार | कांवड़ यात्रा की शुरुआत |
20 जुलाई 2025 | रविवार | पहला रविवार, भारी भीड़ संभव |
26 जुलाई 2025 | शनिवार | सावन शनिवार, शिव पूजन विशेष |
29 जुलाई 2025 | मंगलवार | बड़ी संख्या में जल चढ़ाने का दिन |
1 अगस्त 2025 | शुक्रवार | कांवड़ यात्रा का समापन |
किन राज्यों में रहेंगे स्कूल और कॉलेज बंद?
राज्य सरकारों ने ऐलान किया है कि जिन क्षेत्रों में कांवड़ यात्रा का विशेष प्रभाव होता है, वहां स्कूल-कॉलेज बंद रखे जाएंगे। नीचे कुछ प्रमुख राज्यों की जानकारी दी जा रही है:

- उत्तर प्रदेश: सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल-कॉलेज बंद
- उत्तराखंड: खासकर हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून में बंद
- हरियाणा और दिल्ली: यात्रा मार्गों के पास के स्कूल बंद
- बिहार: सीमावर्ती क्षेत्रों में छुट्टी की घोषणा संभावित
क्यों दी जा रही है इतनी लंबी छुट्टी?
इस लंबे अवकाश के पीछे कई अहम कारण हैं:
- यात्रा मार्गों पर भारी भीड़: कांवड़ यात्रा में लाखों लोग शामिल होते हैं, जिससे यातायात व्यवस्था पर असर पड़ता है।
- छात्रों की सुरक्षा: स्कूल जाने वाले बच्चों को यात्रा की भीड़ से दूर रखना ज़रूरी है।
- धार्मिक महत्व: बहुत से परिवार खुद इस यात्रा में शामिल होते हैं, ऐसे में बच्चों की छुट्टी उन्हें भाग लेने का अवसर देती है।
असली जिंदगी का उदाहरण:
मेरे एक दोस्त का बेटा हर साल अपने पापा के साथ हरिद्वार गंगाजल लेने जाता है। पिछले साल उसे स्कूल की वजह से जल्दी लौटना पड़ा, लेकिन इस साल जब 15 दिन की छुट्टी मिलेगी, तो वह आराम से पूरे कार्यक्रम में हिस्सा ले सकेगा। परिवार भी खुश और बच्चों को संस्कृति से जुड़ने का मौका मिलेगा।
यात्रा के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य इस बार कांवड़ यात्रा में हिस्सा ले रहा है, तो कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान ज़रूर रखें:
- अधिक गर्मी से बचने के लिए पर्याप्त पानी और हल्के कपड़े साथ रखें
- मोबाइल, पावर बैंक और नक्शा साथ रखें
- धार्मिक अनुशासन और शांतिपूर्ण व्यवहार बनाए रखें
- बीमारियों से बचने के लिए सफाई का विशेष ध्यान दें
कांवड़ यात्रा और सामाजिक समरसता
कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, यह सामाजिक समरसता और सहयोग का प्रतीक भी है। गांव-शहरों में लोग मिलकर कांवड़ियों की सेवा करते हैं, लंगर लगाते हैं, पानी पिलाते हैं। यह भाव सामाजिक जुड़ाव को बढ़ाता है।
मेरा अनुभव:
मैंने खुद एक बार मेरठ से हरिद्वार तक की कांवड़ यात्रा की थी। वो अनुभव आज भी मेरे दिल में बसा है – रास्ते में हर जगह भाईचारे और सहयोग का वातावरण था। मेरे जैसे कई लोगों ने पहली बार इतना बड़ा धार्मिक आयोजन इतने अनुशासन के साथ देखा। यह यात्रा केवल धार्मिक नहीं, आत्मिक अनुभव भी बन जाती है।
क्या यह छुट्टी छात्रों के लिए फायदेमंद है?
बिलकुल! जब छात्रों को धार्मिक पर्वों की जानकारी और भागीदारी का मौका मिलता है, तो वो अपनी संस्कृति को बेहतर समझ पाते हैं। इसके साथ-साथ, पढ़ाई का बोझ कम होता है और मानसिक विश्राम भी मिलता है। कई छात्रों के लिए यह यात्रा ध्यान और आत्मनिरीक्षण का जरिया भी बन सकती है।
क्या यह फैसला उपयोगी है?
कांवड़ यात्रा पर 15 दिन की छुट्टी देना छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों – तीनों के लिए एक स्वागत योग्य निर्णय है। इससे यात्रा व्यवस्था आसान होगी, धार्मिक भावनाओं का सम्मान होगा और छात्र अपनी परंपराओं को करीब से समझ पाएंगे। यह फैसला अगर सही ढंग से लागू किया जाए, तो समाज के लिए सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
(अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. क्या पूरे भारत में कांवड़ यात्रा की छुट्टी मिलेगी?
नहीं, ये छुट्टियां केवल उन्हीं राज्यों में लागू होंगी जहां कांवड़ यात्रा बड़े पैमाने पर होती है जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली आदि।
2. क्या निजी स्कूल भी बंद रहेंगे?
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार, अधिकतर निजी स्कूल भी इन 15 दिनों के लिए बंद रहेंगे।
3. क्या कॉलेज और यूनिवर्सिटी पर भी ये नियम लागू होंगे?
हां, यात्रा मार्गों के आसपास के कॉलेज और यूनिवर्सिटी को भी बंद रखने का निर्देश दिया गया है।
4. क्या यह छुट्टी पढ़ाई पर असर डालेगी?
छुट्टियों को लेकर स्कूल पहले से ही अपना कैलेंडर एडजस्ट करते हैं, ताकि पढ़ाई का नुकसान न हो।
5. अगर कोई छात्र कांवड़ यात्रा में हिस्सा नहीं लेता तो उसे क्या करना चाहिए?
वह इन दिनों में आत्मचिंतन, धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन या अपने परिवार के साथ समय बिता सकता है। यह समय मानसिक शांति और व्यक्तिगत विकास के लिए उपयोगी हो सकता है।