IMD Alert – भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक बार फिर पूरे देश को सतर्क कर दिया है। हाल ही में जारी की गई चेतावनी के मुताबिक, अगले 48 घंटे देश के कई हिस्सों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। विभाग ने कहा है कि उत्तर भारत से लेकर मध्य और पूर्वी राज्यों तक तेज आंधी-तूफान, बिजली गिरने और भारी बारिश की संभावना जताई गई है। खासतौर पर जिन राज्यों में पहले से ही मॉनसून की दस्तक हो चुकी है, वहां हालात और भी गंभीर हो सकते हैं। किसानों, आम यात्रियों, स्कूल जाने वाले बच्चों और ऑफिस कर्मचारियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। इस चेतावनी को हल्के में लेना भारी नुकसान का कारण बन सकता है, जैसा कि पिछले वर्षों में हमने कई बार देखा है।
किन राज्यों के लिए जारी किया गया है हाई अलर्ट?
IMD ने जिन राज्यों के लिए चेतावनी जारी की है, वहां अगले 48 घंटों में आंधी-तूफान और भारी बारिश के साथ-साथ बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है। इन राज्यों में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
- उत्तर प्रदेश
- बिहार
- झारखंड
- पश्चिम बंगाल
- ओडिशा
- मध्य प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- महाराष्ट्र (विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र)
- उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्से
- दिल्ली-NCR
इन राज्यों में अगले दो दिनों तक तेज हवाएं 50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं और कुछ जगहों पर ओलावृष्टि की भी संभावना है।
क्या हो सकते हैं इसके नुकसान? जानिए बीते अनुभवों से
हर साल तेज बारिश और आंधी-तूफान के कारण जान-माल का भारी नुकसान होता है। बीते वर्ष उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक गांव में तेज तूफान की वजह से कच्चे घर ढह गए थे और दो लोगों की मौत हो गई थी। वहीं बिहार के गया जिले में बिजली गिरने से चार लोगों की जान चली गई थी।
इस बार की चेतावनी भी कुछ ऐसे ही खतरों की तरफ इशारा कर रही है:
- पेड़ों के गिरने और बिजली के खंभों के टूटने का खतरा
- ट्रेनों और फ्लाइट्स के शेड्यूल में देरी या रद्दीकरण
- स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा
- खेतों में फसल खराब होने का डर
- निर्माण स्थलों पर हादसों का खतरा
क्या करें और क्या न करें – IMD की गाइडलाइन
मौसम विभाग ने आम नागरिकों के लिए कुछ जरूरी सुरक्षा उपाय बताए हैं ताकि वे खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें।
करें:
- मौसम अपडेट्स के लिए नियमित रूप से रेडियो, टीवी या मोबाइल ऐप्स चेक करें
- बाहर जाने से पहले मौसम की जानकारी लें
- मोबाइल, लैपटॉप, चार्जर जैसे उपकरणों को बिजली गिरने के समय अनप्लग कर दें
- खुले मैदान, पेड़ या बिजली के खंभों से दूर रहें
- स्कूल जाने वाले बच्चों को सुरक्षित स्थान पर रोकें
न करें:
- तेज तूफान के समय बाइक या स्कूटर से यात्रा न करें
- ऊंची इमारतों या खुले छतों पर न जाएं
- बिजली गिरने के समय मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल न करें
- बहते पानी या नालों को पार करने की कोशिश न करें
किसानों और मजदूरों के लिए जरूरी सलाह
किसानों के लिए यह समय अत्यंत संवेदनशील है क्योंकि खेतों में धान और मक्का की बुवाई का समय चल रहा है। भारी बारिश से न सिर्फ बुवाई प्रभावित हो सकती है बल्कि जो फसल बोई जा चुकी है, वह भी खराब हो सकती है।
- जिन खेतों में फसल बोई जा चुकी है, वहां ड्रेनेज की व्यवस्था पहले से कर लें
- खुले मैदान में बिजली गिरने का खतरा होता है, इसलिए खेतों में काम करने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें
- जरूरी हो तो अगले दो दिन तक खेती से संबंधित कार्य रोक दें
स्कूल, कॉलेज और ऑफिस जाने वालों के लिए सुझाव
बहुत से राज्यों में स्कूल और कॉलेज खुले हैं और छात्र-छात्राएं रोजाना यात्रा करते हैं। ऐसे में कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं:
- स्कूल बस या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते वक्त मौसम की स्थिति जान लें
- अगर बहुत ज्यादा बारिश या तूफान हो तो स्कूल न भेजें, खासकर छोटे बच्चों को
- ऑफिस कर्मचारी वैकल्पिक वर्क फ्रॉम होम की योजना बना सकते हैं
- छाते और रेनकोट साथ रखें, और हो सके तो प्लास्टिक बैग में जरूरी दस्तावेज रखें
बिजली गिरने से बचाव – जानिए सही उपाय
IMD के आंकड़ों के अनुसार, हर साल भारत में लगभग 2,000 से ज्यादा लोग बिजली गिरने से अपनी जान गंवाते हैं। इनमें ज्यादातर ग्रामीण इलाके के लोग होते हैं।
बचाव के उपाय:
- खुले मैदान में न खड़े हों
- मोबाइल या मेटल उपकरणों को पास में न रखें
- पानी के आसपास न जाएं
- घर में बिजली से जुड़े सभी उपकरण बंद कर दें
- कार या पक्की बिल्डिंग में शरण लें
पिछले 5 सालों की ऐसी चेतावनियों का असर
वर्ष | राज्य | नुकसान | बिजली गिरने से मौतें | बारिश की मात्रा |
---|---|---|---|---|
2020 | बिहार | फसल बर्बाद | 180+ | 200mm |
2021 | MP-UP | कच्चे घर ढहे | 120+ | 170mm |
2022 | झारखंड | पेड़ गिरे | 90+ | 185mm |
2023 | ओडिशा | बिजली ट्रिप | 160+ | 190mm |
2024 | UP-Bihar | रेलवे रद्द | 200+ | 220mm |
इस टेबल से साफ है कि हर साल ऐसे हालात गंभीर हो रहे हैं, और सावधानी ही सबसे बेहतर बचाव है।
मेरा अनुभव – कैसे एक गलती से जान पर बन आई थी
पिछले साल मैं अपने गांव गया था। अचानक मौसम बिगड़ गया और हल्की बारिश तेज तूफान में बदल गई। मेरे चाचा खेतों में काम कर रहे थे और मोबाइल की बैटरी कम होने के कारण वे समय पर अलर्ट नहीं देख पाए। बिजली गिरने से पास का पेड़ टूट गया और वे बाल-बाल बचे। तभी समझ आया कि अलर्ट को हल्के में लेना एक बड़ी भूल है। अब मैं IMD की वेबसाइट और मौसम ऐप्स से जुड़ा रहता हूं और अपने परिवार को भी अपडेट करता हूं।
तेज आंधी-तूफान और भारी बारिश को लेकर जो अलर्ट जारी किया गया है, वो केवल एक सरकारी औपचारिकता नहीं है। यह हमारे जीवन और सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर संदेश है। चाहे आप शहर में रहते हों या गांव में, बच्चों के माता-पिता हों या बुजुर्ग – हर किसी को इस चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: IMD का अलर्ट कब और कहां लागू होगा?
उत्तर: यह अलर्ट अगले 48 घंटों के लिए कई राज्यों में लागू रहेगा जैसे UP, बिहार, झारखंड, ओडिशा आदि।
प्रश्न 2: क्या यह तूफान हर जगह एक जैसा असर करेगा?
उत्तर: नहीं, असर राज्यों और इलाकों के हिसाब से अलग होगा। कुछ जगहों पर आंधी तो कहीं भारी बारिश हो सकती है।
प्रश्न 3: क्या स्कूल और ऑफिस बंद रहेंगे?
उत्तर: यह निर्णय स्थानीय प्रशासन पर निर्भर करता है। कई जगहों पर स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की जा सकती है।
प्रश्न 4: बिजली गिरने से कैसे बचें?
उत्तर: खुले मैदान, पेड़ और पानी से दूर रहें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद कर दें और सुरक्षित स्थान पर रहें।
प्रश्न 5: किसानों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर: खेतों में जलनिकासी की व्यवस्था करें, मौसम की जानकारी रोजाना लें और जोखिम वाले कामों से बचें।