Kanwar Yatra 2025 – हर साल सावन के महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा उत्तर भारत के लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का पर्व होती है। 2025 में यह यात्रा पहले से कहीं ज्यादा व्यवस्थित, लेकिन कुछ बदलावों के साथ सामने आ रही है। खासकर देहरादून से दिल्ली जाने वाले कांवड़ियों को अब एक नए बस रूट का सामना करना पड़ेगा। प्रशासनिक सुरक्षा, ट्रैफिक कंट्रोल और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस बार बस रूट को करनाल होते हुए डायवर्ट किया गया है, जिससे अब यात्रा लगभग 59 किलोमीटर लंबी हो गई है। हालांकि कुछ लोग इस दूरी को लेकर असमंजस में हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि इस बदलाव का उद्देश्य यात्रा को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाना है।
कांवड़ यात्रा 2025: क्यों बदला गया देहरादून से दिल्ली बस रूट?
देहरादून से दिल्ली तक का पुराना रूट सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद होकर था, लेकिन बढ़ती भीड़, जाम की स्थिति और सुरक्षा कारणों से इसे बदलने का निर्णय लिया गया है।
प्रमुख कारण:
- श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या
- हाईवे पर लगातार लगने वाला ट्रैफिक जाम
- मेडिकल और इमरजेंसी गाड़ियों की आवाजाही में बाधा
- पुलिस और प्रशासन को रूट मैनेज करने में आने वाली दिक्कतें
नया रूट: अब कैसे पहुंचेगी बस दिल्ली?
अब देहरादून से चलने वाली सरकारी और प्राइवेट बसें सहारनपुर के बाद यमुनानगर होते हुए करनाल जाएंगी, फिर वहां से पानीपत, सोनीपत होकर दिल्ली पहुंचेंगी।
नया रूट (कुल दूरी: लगभग 330KM):
- देहरादून → सहारनपुर → यमुनानगर → करनाल → पानीपत → सोनीपत → दिल्ली
पुराना रूट (कुल दूरी: लगभग 271KM):
- देहरादून → सहारनपुर → मेरठ → गाजियाबाद → दिल्ली
दूरी में 59KM का अंतर – लेकिन फायदा ज्यादा
हालांकि नया रूट लगभग 59 किलोमीटर लंबा हो गया है, लेकिन सड़कें चौड़ी हैं, ट्रैफिक कम है और मेडिकल सुविधाएं बेहतर हैं। इससे कांवड़ियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा मिलेगी।
यात्रा के अनुभव: क्या बोले कांवड़ यात्री?
रवि शर्मा (देहरादून निवासी):
“पिछले साल मेरठ वाले रूट पर ट्रैफिक में तीन घंटे फंसे रहे थे। इस बार नया रूट थोड़ा लंबा है, लेकिन सफर स्मूद रहा। मेडिकल कैंप और जलपान की सुविधाएं भी ठीक थीं।”
सुमन देवी (हरिद्वार से लौट रही थीं):
“करनाल रूट पर सफाई और पुलिस की व्यवस्था अच्छी थी। रास्ते में कई जगहों पर ठहरने की सुविधा भी मिल गई।”
नया रूट: कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी?
सरकार और प्रशासन ने कांवड़ यात्रियों के लिए कई सुविधाओं की व्यवस्था की है, खासकर नए रूट पर:
- हर 25KM पर जलपान और मेडिकल सहायता शिविर
- जगह-जगह पर टॉयलेट और रेस्ट पॉइंट्स
- स्थानीय पुलिस द्वारा रास्ते में सुरक्षा व्यवस्था
- CCTV कैमरों के जरिए निगरानी
- महिला कांवड़ियों के लिए विशेष सहायता बूथ
किन बस सेवाओं पर पड़ेगा असर?
इस बदलाव का सीधा असर सरकारी और प्राइवेट दोनों बस सेवाओं पर पड़ा है। अब बस ऑपरेटर्स को रूट और टाइमिंग दोनों में बदलाव करना पड़ा है।

नीचे टेबल के माध्यम से समझें नए बस शेड्यूल की झलक:
बस सेवा | पहले का रूट | नया रूट | अनुमानित दूरी | अनुमानित समय |
---|---|---|---|---|
उत्तराखंड परिवहन | मेरठ होकर दिल्ली | करनाल होकर दिल्ली | 330KM | 8.5 घंटे |
निजी बस सेवा | गाजियाबाद होकर दिल्ली | पानीपत होकर दिल्ली | 328KM | 9 घंटे |
हरियाणा रोडवेज | सहारनपुर – दिल्ली | यमुनानगर – दिल्ली | 331KM | 8-9 घंटे |
AC बसें | मेरठ, नोएडा होकर | सोनीपत होकर दिल्ली | 332KM | 9.5 घंटे |
सामान्य बसें | सीधा मेरठ से दिल्ली | पानीपत, सोनीपत होकर | 334KM | 10 घंटे |
रात की बसें | पुराना मार्ग | नया मार्ग | 335KM | 10 घंटे |
महिला विशेष बसें | मेरठ होकर | करनाल होकर | 330KM | 9 घंटे |
प्रशासन की सलाह और चेतावनी
- कांवड़ यात्री अगर निजी वाहनों से सफर कर रहे हैं, तो उन्हें भी यही रूट अपनाने की सलाह दी गई है।
- यात्रा से पहले अपने वाहन की स्थिति और डॉक्युमेंट्स जरूर चेक करें।
- ज्यादा भीड़ वाले स्थानों पर रुकने से बचें, और निर्धारित रूट से ही चलें।
- प्रशासन ने “रूट डायवर्जन” के नियमों का पालन ना करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
सावधानियां जो हर कांवड़ यात्री को रखनी चाहिए
- खुद के पास पानी, प्राथमिक दवाइयां और पहचान पत्र रखें।
- यात्रा के दौरान किसी अफवाह पर ध्यान न दें।
- रात में यात्रा करने से बचें, दिन में निकलें तो बेहतर है।
- बच्चों और बुजुर्गों को साथ ले जाते समय विशेष सावधानी रखें।
व्यक्तिगत अनुभव: जब मैंने नया रूट अपनाया
पिछले साल मैंने अपने दोस्तों के साथ देहरादून से दिल्ली तक कांवड़ यात्रा की थी। मेरठ के पास इतना ट्रैफिक था कि बस वहीं 4 घंटे खड़ी रही। इस बार मैंने खुद करनाल रूट अपनाया – रास्ता लंबा जरूर था लेकिन हाईवे बेहतर था, रास्ते में एक भी जाम नहीं लगा। कुल मिलाकर मेरी यात्रा इस बार थकावट से मुक्त और ज्यादा संतुलित रही।
कांवड़ यात्रा की आस्था और श्रद्धा में बदलाव नहीं आया है, लेकिन यात्रा को और सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम जरूरी था। थोड़ी दूरी जरूर बढ़ी है, लेकिन सुरक्षा, सुविधा और व्यवस्था को देखते हुए यह फैसला कांवड़ यात्रियों के हित में है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: क्या नया रूट सभी बसों के लिए अनिवार्य है?
उत्तर: हां, देहरादून से दिल्ली जाने वाली सभी सरकारी और निजी बसों को अब करनाल होकर ही जाना होगा।
प्रश्न 2: नया रूट कितना लंबा है?
उत्तर: नया रूट लगभग 59 किलोमीटर लंबा है, लेकिन यह हाईवे से होकर जाता है जिससे यात्रा आसान हो जाती है।
प्रश्न 3: क्या रास्ते में मेडिकल और खाने-पीने की व्यवस्था है?
उत्तर: हां, हर 25 किलोमीटर पर प्रशासन ने जलपान केंद्र और मेडिकल कैंप लगाए हैं।
प्रश्न 4: क्या निजी वाहन भी नए रूट से जाएंगे?
उत्तर: प्रशासन की सलाह है कि निजी वाहन चालक भी इसी रूट का पालन करें, ताकि ट्रैफिक नियंत्रण बना रहे।
प्रश्न 5: क्या पहले से टिकट बुक की जा सकती है?
उत्तर: जी हां, उत्तराखंड परिवहन और निजी ऑपरेटरों की वेबसाइट से ऑनलाइन टिकट बुकिंग संभव है।