बेटे की प्रॉपर्टी पर मां का हक या बहू का कब्जा? जानिए 2025 के नए कानून का सच – कोर्ट के ताजा निर्देश | Property Rights Act

Property Rights Act – आजकल जब परिवार टूटते हैं, तो संपत्ति के झगड़े भी बढ़ते जा रहे हैं। खासकर तब, जब बेटे की मृत्यु हो जाती है या वो अपने माता-पिता से अलग हो जाता है, तब यह सवाल सबसे बड़ा बन जाता है – बेटे की संपत्ति पर असली हक किसका है? मां का, जिसने उसे जन्म दिया और पाल-पोसकर बड़ा किया? या बहू का, जो अब घर की बहू होने के नाते संपत्ति पर अपना अधिकार समझती है? 2025 के नए कानून और कोर्ट के हालिया फैसलों ने इस सवाल को लेकर स्थिति काफी हद तक साफ कर दी है।

बेटे की संपत्ति पर मां का अधिकार: कानून क्या कहता है?

2025 के संशोधित प्रॉपर्टी राइट्स एक्ट के अनुसार:

  • यदि बेटा बिना वसीयत (Will) के मरता है, तो उसकी संपत्ति भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत बंटी जाती है।
  • मां, पत्नी और बच्चे – ये सभी ‘Class I Heirs’ की श्रेणी में आते हैं और बराबर हकदार होते हैं।
  • इसका मतलब है कि मां का बेटा अगर अपनी मृत्यु से पहले कोई वसीयत नहीं छोड़कर गया है, तो मां का उस संपत्ति पर सीधा और वैध अधिकार है।

उदाहरण:

राजस्थान की एक अदालत में 2024 में एक केस आया था, जहां बेटे की मृत्यु के बाद बहू ने सास को घर से निकाल दिया। कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि मां को बेटे की संपत्ति में बराबर हिस्सा मिलेगा और बहू को अकेले कब्जा करने का अधिकार नहीं है।

बहू का हक कब बनता है?

बहू का हक पति की संपत्ति पर तब बनता है जब:

  • पति की मृत्यु हो चुकी हो।
  • संपत्ति पति के नाम हो और वसीयत न हो।
  • तब बहू को पत्नी होने के नाते बराबर का हिस्सा मिलता है, लेकिन अकेले कब्जा नहीं कर सकती।

ध्यान रखने वाली बातें:

  • बहू का संपत्ति पर तब तक कब्जा वैध नहीं माना जाएगा जब तक कोर्ट या कानून के जरिए वह हिस्सा तय न हो।
  • यदि पति जीवित है और वह संपत्ति के मालिक हैं, तो बहू का सीधा हक नहीं बनता, चाहे वह घर में रह रही हो।

क्या बहू सास को घर से निकाल सकती है?

यह सवाल बहुत बार उठता है। कोर्ट ने हाल के फैसलों में इस पर काफी सख्त रुख अपनाया है:

  • सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, यदि घर मां-बाप की संपत्ति है और बहू उस घर में पति के साथ रह रही है, तो वह उसे ‘Shared Household’ नहीं कह सकती।
  • यानी वह सास-ससुर को घर से निकालने का कोई कानूनी अधिकार नहीं रखती।

केस स्टडी:

दिल्ली हाईकोर्ट ने 2023 में एक केस में साफ कहा कि बहू केवल अपने पति की संपत्ति पर हक जता सकती है, ना कि अपने ससुराल वालों की निजी या खुद की खरीदी हुई संपत्ति पर।

2025 के नए निर्देश: कोर्ट का स्पष्ट संदेश

2025 में कोर्ट ने कुछ बेहद अहम बातें स्पष्ट की हैं:

  • बहू को ससुराल में रहने का अधिकार तभी तक है, जब तक ससुराल की संपत्ति पति की हो।
  • यदि संपत्ति सास-ससुर की है, और बेटा केवल वहां रह रहा था, तो बहू को वहां पर स्थायी निवास का कोई हक नहीं है।
  • मां का बेटा अगर अपनी वसीयत नहीं छोड़कर जाता है, तो मां को उस संपत्ति का कानूनी हिस्सा मिलना ही चाहिए।

संपत्ति विवाद सुलझाने के लिए क्या करें?

  • परिवार में बातचीत से समाधान निकालने की कोशिश करें।
  • वकील से कानूनी सलाह लें, खासकर तब जब संपत्ति के दस्तावेज स्पष्ट न हों।
  • संपत्ति बंटवारे के लिए कोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है।
  • संपत्ति के स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज संभालकर रखें।

निजी अनुभव से सीख

मेरे एक जानने वाले, श्री रमेश, जिनके बेटे की असमय मृत्यु हो गई, उनकी बहू ने संपत्ति पर कब्जा कर लिया। पर जब रमेश जी ने कोर्ट में केस दायर किया, तो उन्हें बेटे की संपत्ति में बराबर का हिस्सा मिला। अगर वो समय रहते वकील से सलाह न लेते, तो शायद वे अपने हक से वंचित रह जाते। इससे हमें यही सीख मिलती है कि अधिकारों की जानकारी और समय पर कदम उठाना बेहद जरूरी है।

महत्वपूर्ण बिंदु – एक नजर में

स्थिति मां का हक बहू का हक
बेटा जिंदा है नहीं घर में रहने का हक, पर स्वामित्व नहीं
बेटा मर चुका है (बिना वसीयत के) बराबर का हिस्सा बराबर का हिस्सा
संपत्ति सास की है नहीं नहीं
संपत्ति बेटे की थी (वसीयत नहीं है) बराबर का हिस्सा बराबर का हिस्सा
बहू घर से सास को निकालना चाहती है अवैध अवैध

संपत्ति का हक किसका?

2025 के कानून और कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, बेटे की संपत्ति पर मां और बहू – दोनों का बराबर हक बनता है, यदि कोई वसीयत नहीं है। लेकिन बहू का अधिकार केवल पति की संपत्ति तक ही सीमित है, सास की निजी संपत्ति पर नहीं। ऐसे में अपने अधिकारों की जानकारी और कानूनी सलाह लेना बहुत जरूरी है ताकि कोई भी आपको आपके हक से वंचित न कर सके।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या बहू अपने सास-ससुर की संपत्ति पर दावा कर सकती है?
नहीं, जब तक संपत्ति सास-ससुर के नाम है, बहू उस पर दावा नहीं कर सकती।

2. बेटे की मृत्यु के बाद मां को कितना हिस्सा मिलता है?
यदि वसीयत नहीं है, तो मां को बेटे की संपत्ति में पत्नी और बच्चों के साथ बराबर हिस्सा मिलता है।

3. क्या बहू सास को घर से निकाल सकती है?
नहीं, यदि घर सास-ससुर का है, तो बहू को निकालने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

4. वसीयत होने पर मां का हक खत्म हो जाता है क्या?
अगर बेटे ने वसीयत में मां को हिस्सा नहीं दिया, तो मां को उस संपत्ति पर हक नहीं मिलेगा।

5. संपत्ति विवाद में पहला कदम क्या होना चाहिए?
सबसे पहले वकील से सलाह लें और संपत्ति के कागजों की जांच करवाएं, ताकि सही कानूनी प्रक्रिया अपनाई जा सके।

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